चलो फिर प्रदूषण से लड़ते हैं
चलो आज फिर कुछ करते हैं
चलो फिर कुछ वादे करते हैं
चलो फिर कुछ किस्से गढ़ते हैं
चलो फिर गूढ़ रहस्य कहते हैं
चलो फिर प्रदूषण से लड़ते हैं
सुबह से रवि के घोड़े ने दौर नहीं लगाई
दिल विषादित नहीं पर आँख भर आईं
शायद बात प्रदूषण की फिर से आई
दूर की धुएं की कहानी भी संग लाई
अब तो शुरू करनी ही होगी लड़ाई
चलो फिर प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
थोड़ी चिंता और कुछ चर्चा करते हैं
दारुण्य इस घड़ी में दार्शनिक बनते हैं
प्रदूषण चिंता का विषय है, कहते हैं
चलो फिर दिगभ्रमित ही चलते हैं
फिर सूरज के दीदार को तरसते हैं
दिनागम और दिनांत को करीब करते हैं
चलो फिर प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
दिनान्ध बन पर्यावरण बर्बाद करते हैं
द्रुत निर्माण कर द्रुम को नष्ट करते हैं
एसी,गाड़ी लेकर दृप्त महसूस करते हैं
वसुधा को वसु के इंतजार में तरसाते हैं
कहीं अम्बुविहीन तो कहीं अम्बुधि बनाते हैं
चलो फिर प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
मास्क और एयर प्यूरीफायर खरीदते हैं
चलो फिलहाल स्कूल भी बंद करते हैं
सम-विषम पर भी थोड़ा लड़ते हैं
थोड़ा इल्जाम दूसरों पर भी मढ़ते हैं
चलो फिर प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
चलो अब वाकई कुछ करते हैं
नुक्कड़ चौराहों पर चर्चा करते हैं
चैनल पर कुतर्क विमर्श करते हैं
अजब गजब आंकड़ा पढ़ते हैं
चलो प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
क्या रखा है इन स्वच्छ हवा में
क्या होगा स्वस्थ पर्यावरण से
प्रदूषण का कारण बतलाते हैं
फिर से हिन्दू मुस्लिम करते हैं
मंदिर या मस्जिद बनवाते हैं
चलो थोड़ा सबको आजमाते हैं
चलो प्रदूषण से जंग लड़ते हैं
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